PM Modi at G7 Summit: कनाडा में भारत की दमदार मौजूदगी

G7 समिट 2025 कनाडा: पीएम मोदी की वैश्विक मंच पर मजबूत उपस्थिति

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कनाडा के प्रधानमंत्री मार्क कार्नी ने पीएम नरेंद्र मोदी को जी-7 शिखर सम्मेलन के लिए न्योता भेजा है। अब भारत को निमंत्रण मिलने की वजह का खुलासा हो गया है। कनाडा के एशिया पैसिफिक फाउंडेशन की वाइस प्रेसिडेंट वीना नदजीबुल्ला ने बताया है कि जी-7 के अन्य देशों ने इसके लिए पहल की थी।
सीबीसी एनएन को दिए एक इंटरव्यू में वीना ने बताया कि जी-7 के सदस्य अन्य 6 देश भारत के साथ स्ट्रैटिजिक पार्टनरशिप को मजबूत करने में दिलचस्पी रखते हैं। इस कारण भारत को होना वहां सभी के लिए मायने रखता है।
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संबंधों को मजबूत करना चाहते हैं देश

वीना नदजीबुल्ला ने कहा जी-7 के देश भारत के साथ स्ट्रैटजिक पार्टनरशिप के अलावा डिफेंस टेक्नोलॉजी और आर्थिक संबंधों को मजबूत करना चाहते हैं और कनाडा भी इससे अछूता नहीं है। उन्होंने कहा कि कनाडा को भी वैश्विक मंच पर प्रासंगिकता दिखाने के लिए कूटनीति में संलग्न होना पड़ेगा।

परिचय:

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2025 में कनाडा में आयोजित G7 शिखर सम्मेलन में भाग लिया। यह सम्मेलन 13-15 जून तक कनाडा के क्यूबेक प्रांत में हुआ, जिसमें विश्व के प्रमुख लोकतांत्रिक देशों के नेताओं ने वैश्विक मुद्दों पर विचार-विमर्श किया। भारत को एक महत्वपूर्ण साझेदार के रूप में आमंत्रित किया गया और पीएम मोदी ने इसमें अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराई। http://hindi24samachar.com

G7 समिट क्या है?

G7 (Group of Seven) एक वैश्विक मंच है जिसमें दुनिया की सात सबसे बड़ी विकसित अर्थव्यवस्थाएं शामिल हैं – अमेरिका, कनाडा, ब्रिटेन, फ्रांस, जर्मनी, इटली और जापान। यह मंच वैश्विक आर्थिक, सामाजिक, जलवायु और सुरक्षा जैसे मुद्दों पर सामूहिक नीति बनाने का कार्य करता है।


भारत की भागीदारी:

हालांकि भारत G7 का स्थायी सदस्य नहीं है, लेकिन उसे विशेष आमंत्रित अतिथि के रूप में इस वर्ष बुलाया गया। यह भारत की बढ़ती वैश्विक भूमिका और पीएम मोदी के नेतृत्व की स्वीकार्यता को दर्शाता है।


पीएम मोदी का एजेंडा और प्रमुख बातें:

  1. जलवायु परिवर्तन और सतत विकास:
    मोदी ने जलवायु न्याय और ग्रीन एनर्जी ट्रांजिशन पर भारत की प्रतिबद्धता को दोहराया। उन्होंने कहा कि भारत 2070 तक नेट जीरो एमिशन का लक्ष्य लेकर चल रहा है।

  2. वैश्विक दक्षिण की आवाज:
    प्रधानमंत्री मोदी ने विकासशील देशों की चुनौतियों पर प्रकाश डाला और उन्हें वैश्विक आर्थिक फैसलों में भागीदार बनाने की बात कही।

  3. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन:
    भारत ने तकनीक आधारित समाधान साझा किए, जैसे डिजीटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर मॉडल, जो अन्य विकासशील देशों के लिए प्रेरणा हैं।

  4. आतंकवाद और वैश्विक सुरक्षा:
    मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ एकजुट वैश्विक नीति की मांग की और पाकिस्तान का नाम लिए बिना आतंक के पनाहगाहों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही।

  5. बाइलेटरल बैठकें:
    पीएम मोदी की अमेरिका, फ्रांस, कनाडा और जापान के नेताओं से अलग-अलग द्विपक्षीय बैठकें हुईं, जिनमें व्यापार, निवेश, रक्षा और टेक्नोलॉजी पर चर्चा हुई।


पीएम मोदी का भाषण:

प्रधानमंत्री का संबोधन संयमित, स्पष्ट और वैश्विक दृष्टिकोण से भरपूर था। उन्होंने “वसुधैव कुटुम्बकम्” की भावना के साथ दुनिया को साझा समाधान खोजने का आह्वान किया।


भारतीय समुदाय से मुलाकात:

कनाडा प्रवास के दौरान पीएम मोदी ने टोरंटो में बसे भारतीय समुदाय को भी संबोधित किया। भारतीय मूल के लोगों ने उनका जोरदार स्वागत किया। पीएम ने प्रवासी भारतीयों को भारत और कनाडा के बीच सेतु बताया।

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