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NTR की 72वीं जयंती: तेलुगु आत्मगौरव को श्रद्धांजलि

📰 Title: “तेलुगु गौरव NTR की 72वीं जयंती पर श्रद्धांजलि, सिनेमा से राजनीति तक अमर विरासत”

📅 प्रकाशित तिथि: 28 मई 1995
✍️ लेखक: विरासत संवाद टीम

72वीं जयंती पर याद किए गए नंदमुरी तारक रामाराव – एक युगपुरुष को सलाम

आज पूरे आंध्रप्रदेश और तेलुगु भाषी समुदाय में महान अभिनेता और राजनेता नंदमुरी तारक रामाराव (NTR) की 72वीं जयंती बड़े सम्मान और श्रद्धा के साथ मनाई जा रही है। NTR न सिर्फ एक प्रसिद्ध अभिनेता थे, बल्कि उन्होंने राजनीति में भी ऐतिहासिक भूमिका निभाई और करोड़ों दिलों पर राज किया।

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72वीं जयंती पर आयोजन

उनकी जयंती पर आज राज्यभर में कई कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिनमें:

नंदमुरी तारक रामाराव (NTR) की मृत्यु से आंध्रप्रदेश में शोक की लहर

तेलुगु सिनेमा और आंध्रप्रदेश की राजनीति के सबसे प्रभावशाली चेहरों में से एक, नंदमुरी तारक रामाराव (NTR) का आज हैदराबाद स्थित उनके निवास पर निधन हो गया। वे 72 वर्ष के थे। उनके निधन से न केवल सिनेमा प्रेमियों में बल्कि करोड़ों तेलुगु भाषी नागरिकों में शोक की लहर दौड़ गई है।

सिनेमा से राजनीति तक का सफर 

NTR ने अपने करियर की शुरुआत एक अभिनेता के रूप में की और जल्द ही तेलुगु फिल्मों में भगवान श्रीकृष्ण और राम जैसे किरदारों के लिए प्रसिद्ध हो गए। उन्होंने 300 से अधिक फिल्मों में अभिनय किया और अपने अभिनय से अमिट छाप छोड़ी। http://hindi24samachar.com

1982 में उन्होंने तेलुगु देशम पार्टी (TDP) की स्थापना की और कुछ ही महीनों में अभूतपूर्व जनसमर्थन के साथ आंध्रप्रदेश के मुख्यमंत्री बने। उन्होंने “तेलुगु आत्मगौरव” की भावना को सशक्त किया।

नंदमुरी तारक रामाराव (NTR): हैदराबाद में श्रद्धांजलि समारोह पर विशेष रिपोर्ट

नंदमुरी तारक रामाराव (NTR) का नाम भारतीय सिनेमा और राजनीति के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा गया है। उनका 29वां पुण्यतिथि समारोह 18 जनवरी 2025 को हैदराबाद में धूमधाम से मनाया गया, जिसमें उनके परिवार के सदस्य, राजनीतिक नेता और सिनेमा जगत के लोग शामिल हुए।

NTR की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि समारोह

हैदराबाद के NTR घाट पर आयोजित

जनता की श्रद्धांजलि

उनके पार्थिव शरीर को आम जनता के अंतिम दर्शन के लिए रखा गया, जहां लाखों लोग उनके अंतिम दर्शन करने उमड़े। कई लोगों की आँखों में आँसू थे और पूरे राज्य में शोक की लहर थी।

इस श्रद्धांजलि समारोह में उनके पोते जूनियर NTR और नंदमुरी कल्याण राम ने पुष्पांजलि अर्पित की। इस अवसर पर आंध्र प्रदेश के मंत्री और NTR के पोते नारा लोकेश ने भी श्रद्धांजलि दी और NTR की सामाजिक कल्याण योजनाओं को याद किया, जैसे सस्ते दरों पर चावल उपलब्ध कराना और महिलाओं को संपत्ति अधिकार देना। उन्होंने यह भी कहा कि NTR का नाम केवल एक व्यक्ति का नहीं, बल्कि एक गौरव का प्रतीक है।

पूर्व विधायक टीगला कृष्णा रेड्डी ने NTR की राजनीति में योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने तेलुगु लोगों को एकजुट किया और हैदराबाद के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू NTR के दिखाए मार्ग पर चल रहे हैं।

फिल्मनगर में श्रद्धांजलि

NTR की पुण्यतिथि पर हैदराबाद के फिल्मनगर स्थित उनकी कृष्ण की मूर्ति के समक्ष भी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस अवसर पर काव्यकार पारुचुरी गोपालकृष्ण ने कहा कि NTR केवल अभिनेता नहीं, बल्कि एक देवता के समान थे जिन्होंने हमेशा अपने विश्वासियों का साथ दिया। उन्होंने यह भी कहा कि NTR की नीतियों में महिलाओं को संपत्ति अधिकार देने और सस्ते दरों पर चावल उपलब्ध कराने जैसे सामाजिक सुधार शामिल थे।

NTR की विरासत

NTR ने न केवल फिल्म इंडस्ट्री में बल्कि राजनीति में भी अपनी छाप छोड़ी। उन्होंने तेलुगु देशम पार्टी की स्थापना की और आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया। उनकी नीतियों में महिलाओं को संपत्ति अधिकार देना, सस्ते दरों पर चावल उपलब्ध कराना और शिक्षा के क्षेत्र में सुधार शामिल थे। उनकी पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि समारोहों में उनके योगदान को याद किया जाता है और उनकी विरासत को आगे बढ़ाने की बात की जाती है।

निष्कर्ष

NTR की पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि समारोहों ने यह सिद्ध कर दिया कि उनका योगदान आज भी लोगों के दिलों में जीवित है। उनकी नीतियाँ और विचार आज भी लोगों के दिलों में जीवित हैं। उनकी पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि समारोहों में उनके योगदान को याद किया जाता है और उनकी विरासत को आगे बढ़ाने की बात की जाती है।

NTR का जीवन एक प्रेरणा है, जो हमें अपने समाज और देश के लिए कुछ करने की प्रेरणा देता है। उनकी पुण्यतिथि पर आयोजित श्रद्धांजलि समारोहों ने यह सिद्ध कर दिया कि उनका योगदान आज भी लोगों के दिलों में जीवित है।

NTR सिर्फ एक नाम नहीं, एक आंदोलन थे – जिनकी गूंज आज भी तेलुगु भूमि में सुनाई देती है।
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