13 जून 2025 को इज़राइल ने ईरान के खिलाफ एक बड़ा और सुनियोजित सैन्य हमला किया, जिसे “ऑपरेशन राइजिंग लायन” नाम दिया गया है। इस हमले में ईरान के कई प्रमुख परमाणु केंद्रों, सैन्य अड्डों और शीर्ष कमांडरों को निशाना बनाया गया। इसके चलते पश्चिम एशिया में युद्ध के हालात पैदा हो गए हैं। http://hindi24samachar.com
क्या हुआ हमला?
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इज़राइल ने हवाई और ड्रोन हमलों से ईरान के नतांज, फोर्डो जैसे परमाणु संयंत्रों, मिसाइल निर्माण इकाइयों और कई सेना ठिकानों को तबाह कर दिया।
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हमला एक साथ तेहरान, इराक़ी सीमा और अन्य रणनीतिक ठिकानों पर किया गया। http://united states
ईरान को बड़ा नुकसान

मारे गए शीर्ष सैन्य अधिकारी:
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मेजर जनरल हुसैन सलामी – IRGC प्रमुख
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मेजर जनरल मोहम्मद बाघेरी – ईरान के चीफ ऑफ स्टाफ
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जनरल आमिर अली हाजीज़ादेह – एयरोस्पेस कमांडर
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मेजर जनरल गुलाम अली राशिद – स्ट्रेटेजिक कमांडर
साथ ही कई प्रमुख परमाणु वैज्ञानिक जैसे:
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फेरेदून अब्बासी
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मोहम्मद मेहदी तेहरांची भी मारे गए।
ईरान की प्रतिक्रिया
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ईरान ने तुरंत 100 से ज्यादा ड्रोन इज़राइल की तरफ छोड़े, जिन्हें इज़राइली रक्षा प्रणाली ने नष्ट कर दिया।
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ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला खामेनेई ने इसे “युद्ध की घोषणा” बताया और कहा कि इज़राइल को “भारी सजा” दी जाएगी।
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ईरान ने चेतावनी दी है कि यह सिर्फ शुरुआत है।
वैश्विक प्रतिक्रिया
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संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आपातकालीन बैठक बुलाई गई है।
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रूस ने इज़राइल के हमले को “अनुचित और अकारण आक्रामकता” बताया।
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अमेरिका ने इज़राइल का समर्थन किया लेकिन सीधे शामिल नहीं हुआ। अमेरिका ने अपने नागरिकों और सैन्य स्टाफ को क्षेत्र से हटाने का आदेश दिया।
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यूरोपीय यूनियन, यूके, फ्रांस, सऊदी अरब, तुर्की समेत कई देशों ने संयम बरतने की अपील की है।
आर्थिक और वैश्विक असर

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इस हमले के बाद तेल की कीमतों में 5% से ज्यादा की वृद्धि देखी गई।
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शेयर बाज़ारों में गिरावट दर्ज की गई है।
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संभावित युद्ध के कारण निवेशकों में डर का माहौल है।
आगे क्या?
मुद्दा | विवरण |
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ऑपरेशन का नाम | ऑपरेशन राइजिंग लायन |
हमले की तारीख | 13 जून 2025 |
इज़राइली लक्ष्य | परमाणु ठिकाने, IRGC हेडक्वार्टर, सैन्य नेता |
ईरान की प्रतिक्रिया | ड्रोन हमला, युद्ध की चेतावनी |
वैश्विक हलचल | संयुक्त राष्ट्र बैठक, कच्चे तेल की कीमतों में उछाल |
निष्कर्ष
2025 का यह हमला पश्चिम एशिया में दशकों से जारी तनाव को एक नए युद्ध के मुहाने पर ले आया है। अब यह देखना होगा कि ईरान की अगली कार्रवाई क्या होगी और क्या दुनिया इस टकराव को और बढ़ने से रोक पाएगी या नहीं।