Donald Trump 2025 अमेरिका के सबसे ताक़तवर राष्ट्रपति के भारत पर कड़े बयान और 50% टैरिफ का पूरा सच

डोनाल्ड ट्रम्प—एक ऐसा नाम जिसे दुनिया का शायद ही कोई व्यक्ति न जानता हो। कभी वह अरबपति रियल एस्टेट कारोबारी के तौर पर सुर्खियों में रहते थे, तो कभी रियलिटी टीवी शो The Apprentice में “You’re Fired!” कहने के अंदाज से। लेकिन असली धमाका तब हुआ जब उन्होंने 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतकर दुनिया को चौंका दिया।
आज 2025 में ट्रम्प अपने दूसरे कार्यकाल में हैं और पहले से ज्यादा सशक्त, विवादित और निर्णायक दिखाई देते हैं। उनकी हर नीति, हर बयान और हर ट्वीट (अब Truth Social पोस्ट) सुर्खियां बन जाती हैं।

राजनीति में ट्रम्प का उदय

डोनाल्ड जॉन ट्रम्प का जन्म 14 जून 1946 को न्यूयॉर्क में हुआ। वह ट्रम्प ऑर्गनाइजेशन के मालिक और एक सफल रियल एस्टेट कारोबारी रहे। 2015 में जब उन्होंने रिपब्लिकन पार्टी से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी का ऐलान किया, तो शुरुआत में किसी ने उन्हें गंभीरता से नहीं लिया। लेकिन उनका स्पष्ट, तीखा और राष्ट्रवादी भाषण अमेरिकी मतदाताओं को आकर्षित करने लगा।
2016 में उन्होंने हिलेरी क्लिंटन को हराकर इतिहास रच दिया। उनके “Make America Great Again” (MAGA) नारे ने अमेरिकी राजनीति की दिशा बदल दी।

दूसरा कार्यकाल और नई नीतियाँ

2025 में राष्ट्रपति पद पर लौटने के बाद ट्रम्प का अंदाज़ और भी आक्रामक हो गया है। उन्होंने कई बड़े फैसले लिए हैं:

  • वॉशिंगटन डीसी में अपराध पर आपातकाल: उन्होंने स्थानीय प्रशासन से पुलिस का नियंत्रण छीनकर फेडरल कंट्रोल में दे दिया।

  • विदेश नीति में बदलाव: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से अलास्का में मुलाकात और सीरिया पर से प्रतिबंध हटाने पर चर्चा ने सबको चौंका दिया।

  • आर्थिक मोर्चा: अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मज़बूत करने के लिए उन्होंने कई देशों पर भारी टैरिफ लगाए, जिसमें भारत भी शामिल है।

  • AI और सोशल मीडिया का खेल: ट्रम्प अपने Truth Social प्लेटफ़ॉर्म पर AI से बने पोस्ट और वीडियो से मीडिया नैरेटिव खुद गढ़ते हैं।

जनता का नजरिया

ट्रम्प के समर्थक उन्हें “सख्त लेकिन सही” नेता मानते हैं। उनकी “अमेरिका फर्स्ट” सोच आज भी कई अमेरिकियों को आकर्षित करती है। वहीं, आलोचक उन्हें लोकतंत्र के लिए खतरा बताते हैं।

  • रिपब्लिकन पार्टी: लगभग 90% से ज्यादा समर्थन।

  • डेमोक्रेटिक पार्टी: मुश्किल से 1% समर्थन।

  • सामान्य जनता: ट्रम्प की लोकप्रियता लगभग 40% के आसपास स्थिर है।

विदेश नीति और वैश्विक दृष्टिकोण

ट्रम्प हमेशा से ही अमेरिका की प्राथमिकता पहले रखने की बात करते हैं। वह मानते हैं कि अमेरिकी संसाधनों का उपयोग केवल अमेरिकी जनता के लिए होना चाहिए। यही कारण है कि उन्होंने यूरोप, एशिया और यहां तक कि NATO तक पर भी कड़े बयान दिए हैं।

उनका हाल का मध्यपूर्व दौरा भी इसी सोच को दर्शाता है। उन्होंने सऊदी अरब, क़तर और यूएई में बड़े निवेश सौदे किए, जिससे अमेरिकी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने का दावा किया गया।

🇮🇳 भारत पर डोनाल्ड ट्रम्प के बयान

भारत के साथ ट्रम्प का रिश्ता हमेशा दिलचस्प रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को वह “दोस्त” कहते हैं, लेकिन उनके बयानों और नीतियों में भारत को लेकर कई बार कठोर रुख भी सामने आया।

1. “India is very, very tough”

अप्रैल 2025 में ट्रम्प ने कहा था कि भारत एक “बहुत मुश्किल” ट्रेड पार्टनर है। उन्होंने यह भी जोड़ा,

“मोदी मेरे अच्छे दोस्त हैं, लेकिन भारत हमें सही तरह से ट्रीट नहीं कर रहा।”
यह बयान अमेरिकी कंपनियों पर भारत द्वारा लगाए जाने वाले ऊँचे टैरिफ को लेकर था।

2. “Tariff King” और व्यापार विवाद

ट्रम्प कई बार भारत को “Tariff King” कह चुके हैं। उनका मानना है कि भारत अमेरिकी प्रोडक्ट्स पर बहुत ज्यादा टैक्स लगाता है। जवाब में उन्होंने भी भारत पर भारी टैरिफ लगा दिए।

3. रूस से तेल खरीदने पर नाराज़गी

2025 में ट्रम्प ने रूस से तेल खरीदने को लेकर भारत को “Dead Economy” कहकर तंज कसा। उनका कहना था कि भारत और रूस “मंदीग्रस्त” अर्थव्यवस्थाएं हैं, और अमेरिका को इससे फर्क नहीं पड़ता। इस बयान से भारत में काफी नाराज़गी हुई।

4. 50% टैरिफ का ऐलान

अगस्त 2025 में अमेरिका ने भारत पर कुल 50% टैरिफ लगाने का ऐलान किया। पहले 25% टैरिफ, फिर रूस से तेल खरीदने के कारण अतिरिक्त 25% पेनल्टी।
इससे भारतीय रुपये की कीमत गिरी और स्टॉक मार्केट में हलचल मच गई। हालांकि भारत ने साफ़ कहा कि अमेरिका के साथ रणनीतिक साझेदारी पर इसका असर नहीं होगा।

भारतीय प्रतिक्रिया

भारत ने ट्रम्प के बयानों पर संयमित प्रतिक्रिया दी। विदेश मंत्रालय ने कहा:

“भारत-अमेरिका के संबंध मजबूत हैं और आगे भी बढ़ेंगे। हर साझेदारी में मतभेद होते हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि रिश्ते कमजोर हैं।”

भारत की जनता और मीडिया में भी मिश्रित प्रतिक्रिया देखने को मिली। कुछ लोग मानते हैं कि ट्रम्प का सख्त रुख भारत को आत्मनिर्भर बनने के लिए प्रेरित कर सकता है, जबकि अन्य इसे अनावश्यक दबाव मानते हैं।

आर्थिक असर

ट्रम्प के टैरिफ के असर से अमेरिका और भारत दोनों देशों के बीच व्यापार पर असर पड़ा है:

  • भारतीय IT कंपनियों के अमेरिकी प्रोजेक्ट्स पर निगरानी बढ़ गई है।

  • अमेरिका के लिए दवाइयां, ऑटो पार्ट्स और स्टील महंगा हो गया।

  • भारत में अमेरिकी ब्रांड्स जैसे KFC, McDonald’s और Pepsi को बहिष्कार की मांग का सामना करना पड़ा।

सोशल मीडिया और ट्रम्प का प्रचार

ट्रम्प की खासियत है कि वह हर मुद्दे को मीडिया शो में बदल देते हैं। हाल ही में उन्होंने AI जनरेटेड वीडियो और इमेज पोस्ट कर इंटरनेट पर हलचल मचा दी। कभी वह खुद को “भविष्य का उद्धारक” दिखाते हैं, तो कभी “MAGA योद्धा” के रूप में।

 ट्रम्प का नेतृत्व शैली

  • आक्रामक और साफ़गोई: ट्रम्प अपनी बात सीधे और बेबाक तरीके से रखते हैं।

  • व्यावसायिक सोच: वह राजनीति को एक बिज़नेस डील की तरह देखते हैं।

  • मीडिया मैनेजमेंट: सोशल मीडिया पर अपनी मजबूत पकड़ के कारण वह एजेंडा तय करने में माहिर हैं।

भारत-अमेरिका रिश्तों का भविष्य

हालांकि अभी टैरिफ विवाद और कड़े बयान चल रहे हैं, लेकिन भारत और अमेरिका का रिश्ता सिर्फ राजनीति तक सीमित नहीं। तकनीकी, रक्षा, शिक्षा और निवेश के क्षेत्र में दोनों देश एक-दूसरे पर निर्भर हैं।
ट्रम्प की नीतियां अल्पकालिक झटके जरूर देती हैं, लेकिन रणनीतिक दृष्टि से अमेरिका भारत को चीन का मुकाबला करने के लिए एक अहम साझेदार मानता है।

निष्कर्ष

डोनाल्ड ट्रम्प एक ऐसा व्यक्तित्व हैं जो प्रशंसा और आलोचना दोनों के चरम पर खड़े हैं। उनका नेतृत्व अमेरिकी राजनीति को पूरी तरह बदल चुका है। भारत पर उनके बयान और टैरिफ नीति यह दिखाती है कि वह हर मुद्दे को “डील” की तरह देखते हैं — दबाव डालकर बेहतर सौदा पाने की रणनीति अपनाते हैं।
आने वाले सालों में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या यह टकराव दोस्ती में बदलता है या दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ता है।

संक्षेप में

  • ट्रम्प अपने बेबाक बयानों से दुनिया का ध्यान खींचते हैं।

  • भारत को लेकर उनका रुख सख्त है लेकिन मोदी को वह “दोस्त” कहते हैं।

  • टैरिफ विवाद फिलहाल रिश्तों में खटास ला रहा है, लेकिन रणनीतिक साझेदारी मजबूत बनी हुई है।

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