नई दिल्ली, 20 अगस्त 2025 – राजधानी दिल्ली की राजनीति उस वक्त हिल गई जब मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता पर उनके ही जनसुनवाई कार्यक्रम के दौरान हमला हुआ। यह घटना बुधवार सुबह सिविल लाइंस स्थित सीएम कैंप ऑफिस में हुई।
क्या हुआ था जनसुनवाई में?
सुबह लगभग 8:15 बजे, मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता ने लोगों की शिकायतें सुनीं। तभी कागज देने के बहाने एक व्यक्ति ने उन पर अचानक हमला किया। चश्मदीदों ने कहा कि आरोपी ने प्रधानमंत्री का हाथ पकड़ा, धक्का देने की कोशिश की और उनके बाल खींचे। CM को इस दौरान सिर, कंधे और हाथ में चोट आई। उन्हें तुरंत अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि हालांकि चोटें गंभीर नहीं थीं, हमला जानलेवा था।
हमलावर कौन था?
पुलिस ने मौके पर ही आरोपी को काबू कर लिया। उसकी पहचान राजेश साकरिया (उम्र 41 वर्ष), राजकोट (गुजरात) निवासी के रूप में हुई। बताया जा रहा है कि वह एक जानवर प्रेमी है और खासकर आवारा कुत्तों के मुद्दे को लेकर बेहद सक्रिय रहा है।
उसकी मां भानुबेन् साकरिया के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश—जिसमें दिल्ली-एनसीआर में आवारा कुत्तों को पकड़ने और शेल्टर में भेजने की बात कही गई थी—से वह गुस्से में था। माना जा रहा है कि इसी नाराज़गी के चलते उसने मुख्यमंत्री को निशाना बनाया। वहीं, कुछ रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया कि वह अपने एक रिश्तेदार की जेल से रिहाई के लिए मुख्यमंत्री से मदद चाहता था।
CCTV फुटेज और ‘साज़िश’ की आशंका
हमले के बाद सामने आए CCTV फुटेज में आरोपी को पहले से ऑफिस की रेकी करते हुए देखा गया। इस पर दिल्ली सीएमओ ने इसे “एक बड़ी साज़िश” करार दिया है। भाजपा नेताओं का कहना है कि हमलावर पूरी तैयारी के साथ आया था।
पुलिस की कार्रवाई
दिल्ली पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और उसके खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 109 (हत्या का प्रयास) के तहत केस दर्ज किया गया है।
स्पेशल सेल इस मामले की जांच कर रही है, और गुजरात पुलिस से भी समन्वय किया जा रहा है।
राजनीतिक हलचल
यह हमला राजनीतिक सरगर्मियों का बड़ा मुद्दा बन गया है।
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भाजपा नेताओं ने इसे “राजनीतिक साज़िश” बताया और कहा कि मुख्यमंत्री की सुरक्षा में गंभीर चूक हुई है।
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आप (AAP) ने कहा कि लोकतंत्र में हिंसा की कोई जगह नहीं है, और किसी भी मतभेद को इस तरह की हरकत से व्यक्त नहीं किया जा सकता।
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कांग्रेस ने भी घटना की निंदा करते हुए इसे “दुर्भाग्यपूर्ण” बताया और सुरक्षा इंतज़ामों पर सवाल उठाए।
सीएम रेखा गुप्ता का बयान
हमले के बाद, रेखा गुप्ता ने सोशल मीडिया के ज़रिए जनता को संदेश दिया। उन्होंने कहा –
“ऐसे हमले मेरे आत्मविश्वास और जनता की सेवा के संकल्प को कभी नहीं तोड़ सकते।”
SPG जैसी कड़ी सुरक्षा पर विचार
हालांकि SPG (Special Protection Group) सिर्फ प्रधानमंत्री के लिए होती है, लेकिन मुख्यमंत्री स्तर पर भी Z+ कैटेगरी की सुरक्षा दी जा सकती है। रेखा गुप्ता के लिए BJP केंद्र सरकार से Z+ सुरक्षा की मांग कर सकती है, जिसमें NSG कमांडो और एस्कॉर्ट शामिल होंगे।
जनसुनवाई और पब्लिक मीटिंग्स में हाई-टेक सुरक्षा
रेखा गुप्ता को जनता से जुड़ाव बनाए रखना है, लेकिन अब जनसुनवाई कार्यक्रम में सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह बदलनी होगी।
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एंट्री पॉइंट पर बॉडी स्कैनर और मेटल डिटेक्टर
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CCTV की हाई-डेफिनिशन निगरानी
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किसी भी नागरिक को मिलने से पहले ID और बैकग्राउंड चेक
इंटेलिजेंस अलर्ट सिस्टम मज़बूत करना
भाजपा के नेता मान रहे हैं कि हमला “साज़िश” भी हो सकता है। ऐसे में IB (इंटेलिजेंस ब्यूरो) और दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल को लगातार अलर्ट पर रखा जाएगा। किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत सीएम सिक्योरिटी को दी जाएगी।
सिक्योरिटी पर्सनल की संख्या बढ़ाना
अब तक सीएम सिक्योरिटी में मौजूद पुलिसकर्मी पर्याप्त माने जाते थे। लेकिन इस घटना के बाद BJP यह सुनिश्चित करेगी कि रेखा गुप्ता की सुरक्षा में
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महिला कमांडो टीम
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क्लोज प्रोटेक्शन ऑफिसर्स (CPOs)
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बुलेटप्रूफ कार काफिला
हमेशा साथ रहे।
सख़्त SOP (Standard Operating Procedure) लागू करना
भाजपा सरकार इस बात का ध्यान रखेगी कि अब कोई भी व्यक्ति सीधे मुख्यमंत्री तक न पहुंच पाए। हर मुलाकात के लिए प्रोटोकॉल, स्क्रीनिंग और सुरक्षा मंजूरी अनिवार्य होगी।
राजनीतिक संदेश भी
BJP इस सुरक्षा अपग्रेड को सिर्फ प्रशासनिक नहीं, बल्कि राजनीतिक संदेश के तौर पर भी पेश करेगी। पार्टी जनता को बताएगी कि विपक्ष हिंसा की राजनीति कर रहा है और भाजपा जनता के नेता की सुरक्षा और लोकतंत्र दोनों की रक्षा करेगी।
कुल मिलाकर, BJP यह कोशिश करेगी कि रेखा गुप्ता की सुरक्षा अब PM लेवल प्रोटेक्शन के करीब हो, ताकि इस तरह की घटना दोबारा न हो और जनता का विश्वास भी मज़बूत बने।
निष्कर्ष
दिल्ली सीएम पर हुआ यह हमला न सिर्फ सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोलता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि किसी भी मुद्दे पर असहमति जताने का तरीका हिंसा नहीं हो सकता। अब देखना होगा कि पुलिस जांच किस नतीजे पर पहुंचती है और आरोपी के पीछे कौन-सी असली वजह थी।
