सेना प्रमुख का कहना है कि यूक्रेन युद्ध भविष्य के संघर्षों के लिए सबक लेने के लिए एक ‘जीवित प्रयोगशाला’ है

सेना प्रमुख जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने बुधवार को कहा कि सेना रूस-यूक्रेन युद्ध के घटनाक्रम पर बारीकी से नजर रख रही है क्योंकि युद्धक्षेत्र भारत की सीमाओं पर स्थिति के संदर्भ में एक जीवित प्रयोगशाला के समान था, जो ऑपरेशन सिन्दूर के दौरान मई में पाकिस्तान के साथ सैन्य टकराव का संदर्भ था।

थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने बुधवार को नई दिल्ली में दिल्ली रक्षा संवाद को संबोधित किया। (एएनआई)
थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने बुधवार को नई दिल्ली में दिल्ली रक्षा संवाद को संबोधित किया। (एएनआई)

मनोहर पर्रिकर इंस्टीट्यूट फॉर डिफेंस स्टडीज एंड एनालिसिस द्वारा आयोजित दिल्ली डिफेंस डायलॉग में अपने संबोधन में द्विवेदी ने कहा, “हमारी सीमाओं पर जो स्थितियां हैं, उनके संदर्भ में यूक्रेनी युद्धक्षेत्र एक जीवित प्रयोगशाला है…ड्रोन बख्तरबंद टुकड़ियों पर नजर रख रहे हैं, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणालियां रेडियो को जाम कर रही हैं, 100 किमी की सीमा से कहीं अधिक तक पहुंचने वाली सटीक आग, सूचना अभियान एक भी गोला गिरने से पहले युद्ध जीतते हैं…यही स्थिति है जिसका हम सामना कर रहे हैं।”

उन्होंने 100 से अधिक देशों से जुड़े 50 से अधिक चल रहे संघर्षों का जिक्र करते हुए कहा, “जहां तक ​​भविष्य के युद्धक्षेत्र का सवाल है, यह धक्का-मुक्की और प्रतिस्पर्धा का युग है। लंबे समय से चली आ रही शांति कम हो रही है और व्यापक संघर्ष बढ़ रहे हैं।”

उन्होंने कहा, ओपन सोर्स विश्लेषण और भविष्य कहनेवाला विश्लेषण ने सिन्दूर 1.0 के दौरान भारतीय सेना को बहुत मदद की। उन्होंने कहा, “देश के अंदर बहुत सारे स्वयंसेवक आगे आए, प्रवासी भारतीयों ने आगे आकर हमारी मदद की। जहां तक ​​सिन्दूर 1.0 का सवाल है तो हम बहुत सशक्त थे। हमने सबक सीख लिया है। इसलिए, चाहे वह सिन्दूर 2.0 हो या उसके बाद कोई अन्य लड़ाई, हम इसे बड़े पैमाने पर देख रहे हैं।”

ऑपरेशन सिन्दूर ने 22 अप्रैल के पहलगाम आतंकवादी हमले में नई दिल्ली की सीधी सैन्य प्रतिक्रिया को चिह्नित किया जिसमें 26 लोग मारे गए थे। भारत ने 7 मई के शुरुआती घंटों में ऑपरेशन शुरू किया और 10 मई के युद्धविराम से पहले पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी और सैन्य प्रतिष्ठानों पर हमला किया।

इस झड़प में लड़ाकू जेट, मिसाइलें, सशस्त्र ड्रोन और एक भयंकर तोपखाना द्वंद्व शामिल था।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान के साथ चार दिवसीय सैन्य टकराव आधुनिक युद्ध का एक “सम्मोहक उदाहरण” था जहां सटीक हमले की क्षमताओं को एक सीमित समय-सीमा में तैनात किया गया था।

दिल्ली डिफेंस डायलॉग में आधुनिक युद्ध पर प्रौद्योगिकी के प्रभाव विषय पर अपने विशेष संबोधन में उन्होंने कहा, “ऑपरेशन सिन्दूर आधुनिक युद्ध का एक सम्मोहक उदाहरण है, जहां सटीक हमले की क्षमता, नेटवर्क-केंद्रित संचालन, डिजिटलीकृत खुफिया और मल्टी-डोमेन रणनीति को एक सीमित समय-सीमा के भीतर प्रभावी ढंग से तैनात किया गया था।”

यह संवाद नीति निर्माताओं, शोधकर्ताओं, उद्योग जगत के नेताओं और शिक्षाविदों को एक साथ लाता है ताकि भारत की रक्षा क्षमता को बढ़ाने के लिए नए युग की प्रौद्योगिकियों का प्रभावी ढंग से उपयोग कैसे किया जा सके, इस पर अंतर्दृष्टि साझा की जा सके।

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