सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल: 29 मई 2025 की ताज़ा ख़बर
भारत सरकार ने 29 मई 2025 को पाकिस्तान से सटी सीमाओं वाले चार राज्यों—जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात—में सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल आयोजित करने की योजना बनाई थी। यह अभ्यास ‘ऑपरेशन शील्ड’ के तहत किया जाना था, जिसका उद्देश्य आपातकालीन परिस्थितियों में नागरिकों की सुरक्षा और प्रतिक्रिया क्षमता को मजबूत करना था। हालांकि, राजस्थान और गुजरात में प्रशासनिक कारणों से इस अभ्यास को स्थगित कर दिया गया है, जबकि हरियाणा में यह मॉक ड्रिल निर्धारित समय पर आयोजित की जाएगी। http://hindi24samachar.com
ऑपरेशन शील्ड: उद्देश्य और महत्व
ऑपरेशन शील्ड एक राष्ट्रीय स्तर का आपातकालीन तैयारी अभ्यास है, जिसे गृह मंत्रालय और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (NDMA) द्वारा आयोजित किया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों में नागरिकों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना और आपातकालीन परिस्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता का मूल्यांकन करना है। इस अभ्यास में हवाई हमलों, ड्रोन हमलों और अन्य संभावित खतरों से निपटने के लिए विभिन्न उपायों की योजना बनाई गई है।
नई दिल्ली: पाकिस्तान की सीमा से लगे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 31 मई को ऑपरेशन शील्ड के तहत मॉक ड्रिल की जाएगी। पहले इसे 29 मई को किया जाना था लेकिन प्रशासनिक कारणों से स्थगित करना पड़ा था। अब मॉक ड्रिल का आयोजन 31 मई को होगा। यह मॉक ड्रिल जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात सहित पाकिस्तान की सीमा से लगे सभी पश्चिमी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में आयोजित की जाएगी।
मॉक ड्रिल का आयोजन इसलिए कराया जा रहा है ताकि भविष्य में दुश्मन मुल्क की ओर से होनेवाले हमलों को लेकर नागरिक सतर्क रहें। मॉक ड्रिल एक तरह का अभ्यास है जिसमें लोगों को इमरजेंसी के हालात से निपटने के बारे में जानकारी दी जाती है। लोगों यह बताया जाता है कि अगर किसी तरह का हमला हो या आपदा की स्थिति आए तो आम लोगों को कैसे अपना बचाव करना चाहिए। बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच करीब 3300 किमी लंबा बॉर्डर है। जम्मू-कश्मीर, पंजाब, राजस्थान और गुजरात की सीमा पाकिस्तान से लगती है।
बता दें कि नागरिक सुरक्षा नियम, 1968 की धारा 19 के तहत मिली शक्तियों का प्रयोग करते हुए गृह मंत्रालय ने 31.05.2025 को देश की पश्चिमी सीमा से सटे राज्यों के सभी जिलों में दूसरा नागरिक सुरक्षा अभ्यास (2nd Civil Defence Exercise) “ऑपरेशन शील्ड” आयोजित करने का फैसला लिया है।
दूसरी मॉक ड्रिल की क्यों पड़ी जरूरत?
इससे पहले 7 मई को आयोजित प्रथम नागरिक सुरक्षा अभ्यास के दौरान देश के संवेदनशील क्षेत्रों में नागरिक सुरक्षा तैयारियों में गंभीर खामियां पाई गईं थीं। इन खामियों के समाधान के लिए दूसरे नागरिक सुरक्षा अभ्यास के तहत मॉक ड्रिल का आयोजन कराया जा रहा है। बता दें कि पहले मॉक ड्रिल के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान स्थित आतंकी ठिकानों पर हमला किया था।
इस अभ्यास में सिविल डिफेंस वार्डन, रजिस्ट्रड स्वयंसेवक और राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC), राष्ट्रीय सेवा योजना (NSS), नेहरू युवा केंद्र संगठन (NYKS) और भारत स्काउट्स एंड गाइड्स सहित युवा संगठन शामिल होंगे। मॉक ड्रिल के दौरान युद्ध की स्थिति में कैसे नागरिकों को अपना बचाव करना है इसके बारे में जागरुक किया जाएगा। इस दौरान युद्ध के सायरन बजेंगे और ब्लैकआउट भी होगा।
ब्लैकआउट के दौरान क्या करें, क्या नहीं
- किसी भी बिल्डिंग में कोई रोशनी नहीं होनी चाहिए, अगर हो तो उसे अपारदर्शी चीजों से ढक देना चाहिए।
- किसी चमकदार लाइट बिल्डिंग के छत वाले हिस्से के बाहर दिखाई नहीं देनी चाहिए।
- बिल्डिंग या उसके किसी भी हिस्से के बाहर ऊपर की ओर कोई चमक नहीं होनी चाहिए।
- किसी भी बिल्डिंग के बाहर सजावट या विज्ञापन के लिए कोई रोशनी नहीं होनी चाहिए।
- ब्लैकआउट के दौरान कार में लगने वाली सभी लाइट्स को स्क्रीन किया जाना चाहिए, जिनसे बीम निकलती हैं।
हरियाणा में मॉक ड्रिल की विशेषताएँ
हरियाणा में 29 मई को शाम 5 बजे से 9 बजे तक मॉक ड्रिल आयोजित की जाएगी। इसमें सभी 22 जिलों में नागरिक सुरक्षा, पुलिस, अग्निशमन, स्वास्थ्य और अन्य आपातकालीन सेवाओं के कर्मी शामिल होंगे। अभ्यास के दौरान हवाई हमलों और ड्रोन हमलों से निपटने के लिए प्रतिक्रिया प्रक्रियाओं का परीक्षण किया जाएगा। इसके अलावा, रात 8 बजे से 8:15 बजे तक महत्वपूर्ण बुनियादी ढाँचे के पास 15 मिनट का ब्लैकआउट भी किया जाएगा, जिससे आपातकालीन सेवाओं की तत्परता और प्रतिक्रिया क्षमता का मूल्यांकन किया जा सके।
सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएँ
ऑपरेशन शील्ड के तहत मॉक ड्रिल की घोषणा के बाद सोशल मीडिया पर पाकिस्तान के खिलाफ मजाकिया मीम्स और टिप्पणियाँ वायरल हो गईं। “ये सब चाल है उनकी” जैसे वाक्यांशों का उपयोग करते हुए यूज़र्स ने इस अभ्यास को लेकर व्यंग्यात्मक टिप्पणियाँ कीं। हालांकि, यह एक गंभीर सुरक्षा अभ्यास था, लेकिन ऑनलाइन समुदाय ने इसे हल्के-फुल्के अंदाज में लिया।
निष्कर्ष
सिविल डिफेंस मॉक ड्रिल, जैसे ऑपरेशन शील्ड, नागरिकों की सुरक्षा और आपातकालीन प्रतिक्रिया क्षमता को मजबूत करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। हरियाणा में निर्धारित अभ्यास के सफल आयोजन से अन्य राज्यों में भी इस तरह के अभ्यासों की आवश्यकता और महत्व को समझा जा सकता है। यह अभ्यास न केवल सुरक्षा बलों की तत्परता को बढ़ाता है, बल्कि नागरिकों को भी आपातकालीन परिस्थितियों में सही निर्णय लेने के लिए प्रशिक्षित करता है।