रात 10 बजे के बाद पटाखे फोड़ना गैरजिम्मेदाराना: दिल्ली के मंत्री आशीष सूद

दिल्ली के गृह मंत्री आशीष सूद ने मंगलवार को कहा कि दिवाली पर रात 10 बजे के बाद पटाखे जलाने वालों ने “गैरजिम्मेदाराना” व्यवहार किया।

हालांकि, मंत्री ने इस बात पर जोर दिया कि राष्ट्रीय राजधानी में प्रदूषण बढ़ने के पीछे पटाखे फोड़ना एकमात्र कारण नहीं है।

सूद ने पीटीआई-भाषा से कहा, “दिल्ली के लोगों को सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन का पूरी तरह से पालन करना चाहिए था, जिसके तहत रात 10 बजे तक पटाखे फोड़ने की इजाजत थी। कोर्ट की रात 10 बजे की गाइडलाइन तोड़कर त्योहार मनाने वालों का यह गैर-जिम्मेदाराना व्यवहार था।”

सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में दिल्ली-एनसीआर में राष्ट्रीय पर्यावरण इंजीनियरिंग और अनुसंधान संस्थान (एनईईआरआई) द्वारा अनुमोदित हरित पटाखों की बिक्री और उपयोग पर प्रतिबंध हटा दिया।

अदालत ने 19 अक्टूबर और 20 अक्टूबर को सुबह 6 बजे से 7 बजे और रात 8 बजे से 10 बजे तक अनुमोदित पटाखों के उपयोग की अनुमति दी।

सूद ने कहा कि सुबह पांच बजे पूर्वी दिल्ली के आनंद विहार में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 943 और शाहदरा में लगभग 390 था।

मंगलवार को दिल्लीवासियों की सुबह भारी धुंध और कम दृश्यता के साथ हुई।

दिवाली की रात के बाद हवा की गुणवत्ता ‘रेड जोन’ में पहुंच गई, जिसमें लोगों ने दो घंटे की सीमा से अधिक पटाखे फोड़े।

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के बुलेटिन के अनुसार, सुबह 11 बजे शहर का एक्यूआई 359 था, जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है। सुबह 8 बजे यह 352, सुबह 5 बजे 346, सुबह 6 बजे 347 और 7 बजे 351 था।

0 और 50 के बीच एक AQI ‘अच्छा’, 51 और 100 के बीच ‘संतोषजनक’, 101 और 200 के बीच ‘मध्यम’, 201 और 300 के बीच ‘खराब’, 301 और 400 के बीच ‘बहुत खराब’ और 401 और 500 के बीच ‘गंभीर’ होता है।

38 निगरानी स्टेशनों में से 35 ‘रेड जोन’ में थे, जो ‘बहुत खराब’ से ‘गंभीर’ वायु गुणवत्ता का संकेत देते हैं।

सूद ने कहा, “हम सभी नागरिकों से अपील करते हैं कि वे सुप्रीम कोर्ट के दिशानिर्देशों का पालन करते हुए त्योहार मनाएं और शहर में हरित आवरण और स्वच्छता बढ़ाने में दिल्ली सरकार का समर्थन करें ताकि लोगों को इस बार जैसी समस्याओं का सामना न करना पड़े।”

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