कांग्रेस समेत सात दलों ने असम में बीजेपी विरोधी मोर्चा बनाने का फैसला किया

नई दिल्ली, 05 नवंबर (एएनआई): केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह बुधवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय मीडिया सेंटर में राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान 4.0 के शुभारंभ के दौरान बोलते हुए। (एएनआई फोटो/जितेंद्र गुप्ता)

नई दिल्ली, 05 नवंबर (एएनआई): केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह बुधवार को नई दिल्ली में राष्ट्रीय मीडिया सेंटर में राष्ट्रव्यापी डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र अभियान 4.0 के शुभारंभ के दौरान बोलते हुए। (एएनआई फोटो/जितेंद्र गुप्ता) | फोटो क्रेडिट: एएनआई

गुवाहाटी

कांग्रेस की असम इकाई और सात अन्य राजनीतिक दलों ने 2026 में राज्य की 126 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव से पहले भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विरोधी मोर्चा बनाने का फैसला किया है।

सात पार्टियाँ हैं रायजोर दल, असम जातीय परिषद एजेपी), आंचलिक गण मोर्चा (एजीएम), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, सीपीआई (मार्क्सवादी), सीपीआई (मार्क्सवादी-लेनिनवादी), और ऑल-पार्टी हिल लीडर्स कॉन्फ्रेंस।

असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और सांसद गौरव गोगोई ने बुधवार (नवंबर 12, 2025) शाम आठ दलों की दो घंटे की बैठक के बाद कहा, “असम के लोगों को मौजूदा सरकार के कुशासन, भ्रष्टाचार और उत्पीड़न से मुक्त करने के लिए सभी दल भाजपा विरोधी गठबंधन बनाने पर आम सहमति पर पहुंचे।”

उन्होंने यह भी कहा कि आठ दल भाजपा और उसके सहयोगियों के खिलाफ अपने अभियान की रणनीति बनाने के लिए फिर से मिलेंगे।

असम के प्रभारी अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव जितेंद्र सिंह ने कहा कि विपक्षी ताकतों ने 2026 के राज्य चुनावों में मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा को सत्ता से हटाने का फैसला किया है।

उन्होंने कहा, “हमने हिमंत बिस्वा सरमा के नेतृत्व वाली सरकार के अन्याय के खिलाफ एकजुट होकर असम में एक नई जनता की सरकार बनाने का संकल्प लिया है।”

बैठक में भाग लेने वाले नेताओं में रायजोर दल के विधायक अखिल गोगोई, सीपीआई (एम) के विधायक मनोरंजन तालुकदार, एजीएम के राज्यसभा सदस्य अजीत कुमार भुइयां और एजेपी के लुरिनज्योति गोगोई शामिल थे।

मुख्यमंत्री ने विकास को कम महत्व दिया।

उन्होंने पत्रकारों से कहा, “जब भूपेन कुमार बोरा असम कांग्रेस के अध्यक्ष थे, तब विपक्षी दलों की ऐसी बैठकें और उसके बाद आपस में झगड़े आम थे। हम पिछले साढ़े चार साल से यह टीवी धारावाहिक देख रहे हैं। अब जब चुनाव नजदीक हैं, तो हम ऐसी और बैठकें देखेंगे।”

मुख्यमंत्री ने कहा, “गठबंधन के लिए बैठक बुलाने की क्या जरूरत है? यह फोन पर भी किया जा सकता है। वे खबरें बनाने के लिए समय-समय पर ऐसी बैठकें करते रहते हैं।”

कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी दलों का महागठबंधन बनाने का यह दूसरा प्रयास है। 2021 के विधानसभा चुनाव से पहले गठित महाजोत निराशाजनक चुनावी प्रदर्शन के बाद खत्म हो गई।

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