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ऋषभ पंत की प्रेरणादायक कहानी: संघर्ष, साहस और शानदार वापसी की मिसाल

जब कोई खिलाड़ी 19 साल की उम्र में अपने करियर के तमाम उतार-चढ़ाव देख ले, तो समझिए उसकी कहानी आम नहीं हो सकती। ऋषभ पंत भी एक ऐसी ही कहानी के नायक हैं, जिन्होंने क्रिकेट के मैदान से लेकर जीवन के कठिनतम मोड़ों तक खुद को साबित किया है। दिल्ली के इस होनहार खिलाड़ी ने हर मौके पर दिखा दिया कि हौसले हों तो नामुमकिन कुछ भी नहीं।

 शुरुआत: जब नाम बना “अंडर-19 हीरो”

साल 2016 का अंडर-19 वर्ल्ड कप ऋषभ पंत के लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। नेपाल के खिलाफ महज़ 24 गेंदों में 75 रन और नामीबिया के खिलाफ शानदार शतक लगाकर उन्होंने बता दिया कि भविष्य का सितारा कौन है। पंत का यह प्रदर्शन इतना प्रभावशाली था कि कुछ ही दिनों में दिल्ली डेयरडेविल्स ने उन्हें 1.9 करोड़ रुपये में IPL में अपनी टीम का हिस्सा बना लिया।http://hindi24samachar.com

 घरेलू क्रिकेट और अंतरराष्ट्रीय शुरुआत

दिल्ली के घरेलू सर्किट में पंत ने तेजी से नाम कमाया और जल्द ही भारत के लिए ट्वेंटी-20 अंतरराष्ट्रीय डेब्यू किया। रणजी ट्रॉफी में उतार-चढ़ाव झेलने के बाद उन्होंने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में इतिहास रच दिया – हिमाचल के खिलाफ महज 32 गेंदों में शतक, जो टी-20 क्रिकेट के इतिहास में दूसरा सबसे तेज शतक था।

 टेस्ट क्रिकेट में धमाकेदार एंट्री

2018 में इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट डेब्यू में छक्का मारकर अपने टेस्ट करियर की शुरुआत करने वाले पंत ने जल्द ही ओवल टेस्ट में शतक जड़ दिया। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर भी वह छाए रहे – सिडनी में शतक, फिर गाबा में 89 रनों की नाबाद पारी* ने उन्हें भारत की ऐतिहासिक टेस्ट सीरीज जीत का हीरो बना दिया।

Season Team Matches Runs 50s 100s
2016 Delhi Daredevils 10 198 1 0
2017 Delhi Daredevils 14 366 2 0
2018 Delhi Daredevils 14 684 5 1
2019 Delhi Capitals 16 488 3 0
2020 Delhi Capitals 14 343 1 0
2021 Delhi Capitals 16 419 3 0
2022 Delhi Capitals 13 340 0 0
2024 Delhi Capitals 14 446 3 0
2025 Lucknow Super Giants N/P
Total 111 3284 18 1

 बुरे दौर और वापसी की उम्मीद

2019 वर्ल्ड कप के बाद धोनी के रिटायरमेंट ने पंत के लिए मौके खोले, लेकिन उनका inconsistent प्रदर्शन और बढ़ती आलोचना उन्हें टीम से अंदर-बाहर करता रहा। केएल राहुल जैसे खिलाड़ियों को विकेटकीपर की भूमिका में मौका दिया जाने लगा। 2020-21 बॉर्डर गावस्कर ट्रॉफी में भी उन्हें पहले टेस्ट में बाहर रखा गया, लेकिन भारत की खराब शुरुआत ने उन्हें फिर से टीम में जगह दिलाई – और पंत ने उस मौके को कभी पीछे नहीं छोड़ा।

 दुर्घटना और चमत्कारी वापसी

दिसंबर 2022 – ऋषभ पंत के जीवन का सबसे कठिन मोड़। एक भयानक कार एक्सीडेंट ने उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया। घुटने, पीठ और पैर की चोटें ऐसी थीं कि डॉक्टरों ने भविष्य अनिश्चित बताया। लेकिन पंत ने हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने एक साल से ज़्यादा रिकवरी में बिताया और IPL 2024 से पहले मैदान पर वापसी की।

 2024 T20 विश्व कप: जीत के साथ वापसी

ऋषभ पंत न केवल वापसी करने में कामयाब रहे, बल्कि टी20 वर्ल्ड कप 2024 की टीम का हिस्सा बनकर भारत को खिताब जिताने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने दिखाया कि चोट शरीर को प्रभावित कर सकती है, लेकिन हौसला और जुनून को नहीं।

 पंत: T20 क्रिकेट का आदर्श बल्लेबाज़

ऋषभ पंत का स्ट्राइक रेट, शॉट रेंज और मैच फिनिशिंग क्षमता आज की टी20 क्रिकेट की जरूरतों के अनुरूप है। स्कूप, फ्लिक, रिवर्स स्वीप, लॉफ्टेड ड्राइव – उनके पास हर शॉट है और हर गेंद को बाउंड्री पार भेजने की क्षमता है। IPL में वह अब तक जहां प्रतिभा को सही मंच मिलता है – इस थ्योरी के सबसे बड़े उदाहरण हैं।


 निष्कर्ष:

ऋषभ पंत की कहानी सिर्फ क्रिकेट तक सीमित नहीं है, बल्कि यह जीवन में हार के बाद फिर से खड़े होने की मिसाल है। उन्होंने साबित किया है कि गिरना कोई हार नहीं, लेकिन उठकर फिर चल पड़ना ही असली जीत है। आज वह फिर से भारतीय क्रिकेट का मजबूत स्तंभ हैं और आने वाले सालों में उनके बल्ले से कई यादगार पारियाँ देखने को मिलेंगी।

आज ऋषभ पंत न सिर्फ़ विकेट के पीछे भरोसेमंद खिलाड़ी हैं, बल्कि T20 क्रिकेट के परफेक्ट मॉडल हैं—अद्भुत स्ट्रोक्स, अप्रत्याशित स्किल्स और अंत तक लड़ने का माद्दा।

ऋषभ की कहानी बताती है कि “अगर हौसले बुलंद हों, तो हादसे भी हार मान लेते हैं।”

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