इस दिन का इतिहास, महत्व, थीम और इसके बारे में सब कुछ जानें


हर साल 12 नवंबर को विश्व निमोनिया दिवस निमोनिया के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है, जो दुनिया की सबसे घातक संक्रामक बीमारियों में से एक है, जो लाखों लोगों, विशेषकर पांच साल से कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करती है। वैश्विक अनुष्ठान का उद्देश्य इस रोकथाम योग्य लेकिन घातक श्वसन संक्रमण के खिलाफ कार्रवाई में तेजी लाने के लिए समुदायों, स्वास्थ्य संगठनों और सरकारों को एकजुट करना है।

विश्व निमोनिया दिवस 2025 थीम

विश्व निमोनिया दिवस 2025 का विषय है ‘बाल जीवन रक्षा।’ इस वर्ष की थीम निमोनिया से प्रभावित सबसे कमजोर समूह बच्चों की सुरक्षा की तत्काल आवश्यकता पर केंद्रित है। यह पोषण, स्वच्छ हवा, टीकाकरण और एंटीबायोटिक्स और ऑक्सीजन थेरेपी सहित स्वास्थ्य देखभाल तक समय पर पहुंच के महत्व पर जोर देता है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी बच्चा ऐसी बीमारी से अपनी जान न गंवाए जिसे रोका और इलाज दोनों किया जा सकता है।

विश्व निमोनिया दिवस का इतिहास

पहला विश्व निमोनिया दिवस 12 नवंबर 2009 को ‘ग्लोबल कोएलिशन अगेंस्ट चाइल्ड निमोनिया’ की पहल के तहत मनाया गया था। इस पहल ने बच्चों में श्वसन संक्रमण के कारण होने वाली उच्च मृत्यु दर से लड़ने के लिए अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, सरकारों और निजी क्षेत्रों को एक साथ लाया। इस आंदोलन को मजबूत वैश्विक समर्थन मिला और बेहतर सार्वजनिक स्वास्थ्य नीतियों, जागरूकता अभियानों और विशेष रूप से वंचित क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए मार्ग प्रशस्त हुआ।

2017 में, निमोनिया और अन्य श्वसन संबंधी बीमारियों से निपटने में निम्न और मध्यम आय वाले देशों की सहायता के लिए पहली सार्वजनिक-निजी भागीदारी के रूप में एवरी ब्रीथ काउंट्स गठबंधन की स्थापना की गई थी। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) और यूनिसेफ जैसी वैश्विक संस्थाओं द्वारा समर्थित यह गठबंधन, निमोनिया और डायरिया के लिए वैश्विक कार्य योजना (जीएपीपीडी) के अनुरूप काम करता है। इसका लक्ष्य रोकथाम, निदान और उपचार में अंतर को पाटना है, जिससे सहयोगात्मक वैश्विक कार्रवाई के माध्यम से हर साल सैकड़ों हजारों लोगों की जान बचाई जा सके।

विश्व निमोनिया दिवस का महत्व

निमोनिया की रोकथाम और उपचार दोनों संभव है, फिर भी यह सालाना लाखों लोगों की जान ले रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, अकेले 2019 में दुनिया भर में पांच साल से कम उम्र के सात लाख बच्चों समेत 25 लाख से ज्यादा लोग निमोनिया से मर गए। कोविड-19 महामारी के दौरान स्थिति और भी खराब हो गई, जिससे 2021 तक श्वसन संक्रमण से जुड़ी छह लाख अतिरिक्त मौतें हुईं।

विश्व निमोनिया दिवस सार्वजनिक स्वास्थ्य जागरूकता, टीकाकरण अभियान और सुलभ चिकित्सा देखभाल के महत्व की एक महत्वपूर्ण अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है। यह सरकारों और संगठनों से मिलकर काम करने का आह्वान करता है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सबसे वंचित आबादी को भी समय पर निदान और उपचार मिले।

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